अंतिम प्रभा का है हमारा विक्रमी संवत यहाँ, है किन्तु औरों का उदय इतना पुराना भी कहाँ ?
ईसा,मुहम्मद आदि का जग में न था तब भी पता, कब की हमारी सभ्यता है, कौन सकता है बता? -मैथिलिशरण गुप्त

मंगलवार, 26 मार्च 2013

हमारे पूर्वजों की उपलब्धियां : एक नजर में | Achievements of the Ancient Hindus


सर्वप्रथम तो सभी को होली की शुकानाएँ |

हमारे वेदों, उपनिषदों तथा पुराणों में वर्णित विभिन्न जानकारीयों की सूचि ।
आने वाले समय में हम निम्न प्रत्येक बिंदु  के बारे में पर्याप्त जानकारी एकत्रित कर लेख प्रकाशित करने की चेष्टा करेंगे।

In English : Achievements of the Ancient Hindus (Indians)
here --> https://sites.google.com/site/vvmpune/achievements-of-the-ancients-hindus/aa


चिकित्सा विज्ञान

क्रम   ज्ञान  प्राचीन संदर्भ  आधुनिक संदर्भ
1 प्लास्टिक सर्जरी :  माथे की त्वचा द्वारा  नाक की मरम्मत  सुश्रुत (4000 - 2000 ईसापूर्व )            एक जर्मन विज्ञानी
 (1968 )
2 कृत्रिम अंग  ऋग्वेद (1-116-15)  20वीं सदी 
3 गुणसूत्र गुणाविधि - महाभारत 5500 ईसापूर्व  1860-1910 
4 गुणसूत्रों की संख्या 23  महाभारत -5500 BCE     1890 A.D.
5 युग्मनज में पुरुष और स्त्री गुणसूत्रों का संयोजन                         श्रीमदभागवत  (4000-2000 B.C.) 20th Century
6 कान की भोतिक रचना (Anatomy)                ऋग्वेद भागवत Labyrinth-McNally 1925
7 गर्भावस्था के दूसरे महीने में भ्रूण के ह्रदय की शुरुआत ऐतरेय उपनिषद   6000 BCश्रीमदभागवत   Robinson, 1972
8  महिला अकेले से वंशवृद्धि प्रजनन - कुंती और माद्री :- पांडव         महाभारत 5500 BC         20th Century
9  टेस्ट ट्यूब बेबी 
10   केवल डिंब(ovum) से ही           महाभारत   Not possible yet
11   केवल शुक्राणु से ही           ऋग्वेद महाभारत   Not possible yet
12    c) डिंब व शुक्राणु दोनों से  महाभारत  Steptoe, 1979
13 जीवन का अंतरिक्ष यात्रा में बढ़ाव श्रीमदभागवत   1652 BC       Not yet confirmed
14 कोशिका विभाजन (3 परतों में)     श्रीमदभागवत    1652 BC       20th Century
15 भ्रूणविज्ञान  ऐतरेय उपनिषद   6000 BC         19th Century
16 सूक्ष्म जीव                                        महाभारत  18th Century
17 पदार्थ उत्पादन प्रदत बीमारी की  रोकथाम  या  इलाज,  अल्प मात्रा में  श्रीमदभागवत    (1-5-33)    Hanneman,18thCentury
18 विट्रो में भ्रूण का विकास       महाभारत  20th Century
19 पेड़ों और पौधों में जीवन           महाभारत  Bose,19th century.
20 मस्तिष्क के 16 कार्य           ऐतरेय उपनिषद 19-20th Century
21 नींद की परिभाषा                  प्रशनोपनिषद  6000 BC , पतंजलि योगसूत्र   5000 BC      20th Century
22 जानवर की क्लोनिंग (कत्रिम उत्पति ) ऋग्वेद  ---
23  मनुष्य की क्लोनिंग मृत राजा वीणा से पृथु  अभी तक नही 
24 अहिरावण के  शरीर के तरल पदार्थ के रक्त में कोशिकाओं से क्लोनिंग पुराण  May 1999- Japan 
25 अश्रु - वाहिनी  आंख को नाक से जोडती है  Halebid,Karnataka के शिव मंदिर में  एक व्यक्ति को द्वार चौखट में दर्शाया गया है 20th century AD
26 कंबुकर्णी नली (Eustachian Tube आंतरिक कान को ग्रसनी (pharynx) से जोड़ती  है         
Halebid,Karnataka के शिव मंदिर में  शिव गणों  को द्वार चौखट में दर्शाया गया है 
20th century AD
27 गर्भावस्था के 5वे  महीने में भ्रूण को भूख और प्यास  श्रीमदभागवत    - 1652 BC अभी तक नहीं समझा जा सका 
28 मृत्यु आपान वायु पर निर्भर करती है जो गर्भावस्था के दुसरे महीने में प्रारंभ होती है  ऐतरेय उपनिषद- 6000BC अभी तक नहीं समझा जा सका
29 भ्रूण में सोचने की  क्षमता ऐतरेय उपनिषद 7000 BC Sept. 2009 Dr.Bruner






भौतिक विज्ञान


क्रम ज्ञान  प्राचीन संदर्भ  आधुनिक संदर्भ
1 प्रकाश का  वेग             ऋग्वेद -
सायण भाष्य (1400)                  
19th Century
2 ट्रांस सेटर्न देवता संबंधी या शनिग्रह विषयक ग्रह        महाभारत (5561 B.C)   17-19th Century
3 अन्य  सौर प्रणाली में  अंतरिक्ष यात्रा       श्रीमदभागवत     (4000 B.C)  परीक्षण में 
4 गुरुत्वाकर्षण        प्रशनोपनिषद  (5761 B.C)आदि शंकराचार्य  (500 B.C or 800 AD) न्यूटन 17th Century
5 पराबैंगनी बैंड              Sudhumravarna (मांडूक्य उपनिषद) -
6 अवरक्त बैंड (Infra-red Band) सुलोहिता मांडूक्य उपनिषद     -
7 Tachyons (एक कण) प्रकाश की तुलना में तेज   Manojava (मांडूक्य उपनिषद)      Sudarshan, 1968
8 परमाणु ऊर्जा Spullingini (मांडूक्य उपनिषद) 20th Century.
9 श्याम विविर (Black Holes) Vishvaruchi (मांडूक्य उपनिषद) 20th Century
10 ग्रीष्म संक्रांति में मानसून  ऋग्वेद (23720 B.C)         -
11 दक्षिण अमेरिका में हवाई जहाज द्वारा प्रवेश          वाल्मीकि रामायण   >7300 B.C          -
12 पिस्को,पेरू, दक्षिण अमेरिका की खाड़ी, में स्फुरदीप्त ट्रिडेंट    वाल्मीकि रामायण  Found in 1960 A.D.
13 हवाई जहाज  ऋग्वेद 15000BC
रामायण 7300 BC
महाभारत 5561 BC
समरांगण सूत्रधार (1050 A.D.)                
20th Century
14 रोबोट/यंत्रमानव समरांगण सूत्रधार 1050 AD रामायण -  कुम्भकर्ण 7300 BC 20th century
15 परमाणु (विभाज्य)              श्रीमदभागवत     (4000 B.C.) Dalton (Indivisible)1808 A.D.
16 उपपरमाण्विक कण (इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन, न्यूट्रॉन) भागवत (4000 BC)परमाणु  Divisible -    Bequerel, 1897
Thomas Rutherford 1911
17 क्वार्क - एक कण                                         परम - महान  Dr. Jain Pyarelal 1980
18 ब्रह्मांड की  उत्पत्ति (नासदीय सूत्र ) ऋग्वेद (>10000 B.C.) Gamaow, et.al (1950) Sir Bernard Lowell 1975
19 परमाणु बम महाभारत ब्रह्माश्त्र  3rd Nov.5561 B.C 6th Aug.1945 A.D.
20 ध्वनि ऊर्जा पाउडर सामग्री के लिए  महाभारत (Vajrastra) Gavreau, 1964
21 पारा हवाई जहाज के लिए ऊर्जा स्रोत के रूप में   समरांगण सूत्रधार 1050AD Indian Express, 20-10-1979 
22 उत्तरी ध्रुव वाल्मीकि रामायण 7000BC Piery, 1909 A.D
23 दक्षिणी (Antartica) रावण वाल्मीकि रामायण >7300 BC  Piery, 1950 A.D
24 ब्रह्मांड में व्याप्त मौलिक तत्व          ऋग्वेद (>10000 B.C.) (अम्भ)     20th Century  (Ylem)
25 मौलिक तत्व की रचना (अभू नासदीयगैसिय कण/बूंदें ऋग्वेद (>10000 B.C)      Gammow, 1950
26 जल का  प्राकृतिक चक्र ऋग्वेद &  वाल्मीकि रामायण 19th Century
27 विद्युत एकदिश वाह (DC) मित्र वरुण तेज/शक्ति, अगस्त्य   18th Century
28 विद्युत के द्वारा जल विश्लेषण (2H2 + O2)  प्राण वायु + उदान वायु   - अगस्त्य   19th Century
29 विद्युत आवरण/लेपन             अगस्त्य   19th Century
30 गुब्बारे में H2 (उदान वायु) भर कर उड़ना  अगस्त्य  
31 वेगा 12000 ई.पू. के दौरान ध्रुवतारा बना  महाभारत (Vanaparva 230) 20th Century
32 सूरज की किरणों में सात रंग        ऋग्वेद (8-72-16)          
33 सूर्य पर काले धब्बे वाल्मीकि रामायण & तथा वेद >7300         
34 सागर पर अस्थायी पुल  वाल्मीकि रामायण 26-30 October 7292 BC            
35 विषुव और संक्रांति       ऋग्वेद (10-18-1)  25000BC          
36  उल्का (Meteors) "उल्का" अथर्ववेद (19-9)  7000BC
37 पाइथागोरस प्रमेय (बौधायन प्रमेय) शुल्ब सूत्र  (800 BC)     पाइथागोरस , 500 BC
38 धूमकेतु/पुच्छलतारा  ऋग्वेद , (मुल नक्षत्र)
वाल्मीकि रामायण 7000BC 
(मुल नक्षत्र)
 महाभारत 5561 BC (पुरुष नक्षत्र)   
39 Aldebaren (एक विशाल तारा) में मंगल ग्रह                      वाल्मीकि रामायण 7000 BC                    अभी तक पुनः घटित नही हुआ 
40 Aldebaren में शनि  महाभारत 5561 BC अभी तक पुनः घटित नही हुआ 
41 तारों का श्वास लेना  ऋग्वेद (नासदीय सूत्र ) Gamov, 1950
42  एक तारे में ऊष्मा तथा गुरुत्व का उत्पादन  ऋग्वेद (नासदीय ) Gamov, 1950
43 स्रष्टि उत्पति का क्रम :-अंतरिक्ष, गैस, गर्मी/अग्नि , पानी, और पृथ्वी/ठोस  ऋग्वेद तैत्तिरीय उपनिषद् -
44 पृथ्वी की आयु  महाभारत पुराण 
3.456 X 10^10 years 
Salim, Jogesh Pati, 1980
10^10 years -Sir Lowell
45 इलेक्ट्रॉन की  आयु  1.2 x 10^15 years -
46 प्रोटॉन की आयु  1.9 x 10^25 years 10^30 years
47 राशि चक्र के 12 लक्षण/चिन्ह  ऋग्वेद 23920 BCप्रशनोपनिषद  5761 BC 400 BC
48 विशिष्ट गुरुत्व के अनुसार वातावरण की परतें वाल्मीकि रामायण (Kish.8) 
49 माइक्रोस्कोप महाभारत - शांति पर्व 15/26(5500 BC)       16th Century
50 चश्मा (उपनेत्र)    आदि शंकराचार्य -अपरोक्ष अनुभूति 81
कम से कम  8 वी सदी             
16th Century
51 ग्रहों पर अलग अलग समय के पैमाने महाभारत /श्रीमदभागवत     /व्यास जी >1600BC 20th century.
52 जंग न लगने वाला लोह पदार्थ  ईसाई युग की शुरूआत not yet done
53 संगीतीय  पत्थर के खम्भे  1000 AD और पूर्व  not yet done
54 Stationary Sun  appears   moving            Arya Bhatta-  First century AD 16th century
Jnaneshwar 13 century AD
55 No land, only sea, between The Pillar of Somnath Temple & Antarctica 10th century AD. 20th century AD
56 अफ्रीका के  जिराफ कोणार्क सूर्य मंदिर में नक्काशी 10वी सदी पूर्व  15th century AD
57 रंग प्रौद्योगिकी अजांता रंग क्षीण नही  होता   आधुनिक रंग क्षीण  होता है  
58 नक्काशी प्रौद्योगिकी  एलोरा में  शिव मंदिर एक पहाड़ी से 2000 साल पहले नक्काशीदार बनाया गया  not done
59 ध्वन्यात्मक/ध्वनिप्रधान लिपि (Phonetic script) वेद > 23000 BC not done
60 सूर्यग्रहण - कारण वेद > 23000 BC 16th century
61 पूर्ण ग्रहण की समाप्ति ऋग्वेद सौर नेत्र  Diamond ring                    
62  अरुंधति वशिस्ठ (तारों के नामके आगे महाभारत 5561 BC 2011 AD
63 अभिजीत (वेगा/तारे ) की  फिसलन  महाभारत 5561 BC में गिरावट, 20,000 ईसा पूर्व में शुरू हुआ recently noted
when? not known.
64 सप्ताह प्रणाली तैतरीय सहिंता  8357 BC A.D.
65 सप्ताह नाम  तैतरीय सहिंता  8357 BC A.D.
66 विभिन्न ग्रहों की  दूरी तैतरीय सहिंता 8357 BC 16th century
67 नये  चंद्रमा दिन का कारण वेद > 20,000 BC Wrong name-Moon not new
68  सभी ग्रहों पर ग्रहण देखा जा सकता है  वेद > 20,000 BC 2009 AD
69 बुद्धि/विचार मस्तिष्क से भिन्न  (Mind different from brain) वेद > 20,000 BC 2009 AD
70 मृत्यु के बाद जीवन वेद > 20,000 BC not sure still.
71 भ्रूण का स्थानांतरण Sankarshana >5626 BC 20th century.
72 Out of Earth Ambareesh [thrown (EEsh) in sky (Ambar)]  Vishwamitra >Ramayan of 7300 BC 1956 AD.
73 डायनासौर की सूचना  महाभारत 5500 BC 20th century
74 मन/बुद्धि(mind)  की क्लोनिंग      ऋग्वेद कहता है - यह असंभव  है !!! करने का स्वप्न देख रहे है :D -
 मुर्ख कभी नही कर पाएंगे !!
75 वर्ग घन मूल आदि  यजुर्वेद रूद्र > BC era 16th century


उपरोक्त संपूर्ण जानकारी डाo पद्माकर विष्णु वार्ताक  (वेद विज्ञान मंडल,पूणे) द्वारा हमारे शाश्त्रों पर गहन शोध कर प्राप्त की गई है । 
तथा वे उपरोक्त पर प्रमाण सहित अनेकों पुस्तकें लिख चुके है यहाँ देखें  

http://www.drpvvartak.com/

जब हमारे पूर्वज सम्पूर्ण ज्ञान पुस्तकों में समाविष्ट कर चुके थे तब विदेशी जाती अस्तित्व में ही नही थी । उस समय विदेशी धरती 1 किमी मोटी  बरफ के निचे थी  --referred to as the quaternary ice age.


डाo पद्माकर विष्णु वार्ताक द्वारा बनाई गई ग्रन्थ समय तालिका अवश्य देखें |

http://www.vedicbharat.com/2013/03/ancient-indian-sanskrit-texts-time-table.html

इस महान कार्य के लिए हम उनका ह्रदय से धन्यवाद करते है |

दोष अंग्रेजों द्वारा चलाई हमारी आधुनिक शिक्षण पद्धति का है जिसमे हमें यह सोचने पर मजबूर किया गया की हमारे पूर्वज आदि वासी - जंगली जीव थे, कंद मूल खाते थे । किन्तु उनके कंद मूल खाने में हमें यह नही दीखता प्रकृति प्रदत कंद मूल फल आदि में विटामिन्स, खनिज आदि भरपूर मात्र में होते है जो पकाने से नष्ट हो जाते है और पकाने की प्रक्रिया में प्रकृति का कितना नुकसान होता है । 
उन जंगलियों का ही कमाल है की आज गोरे उनकी लिखी धर्म पुस्तकों को 5-5 6-6 बार पढ़ चुके है फिर भी गूढ ज्ञान उनके भेजे में नही घुस रहा ।
भारतीय संस्कृति से सदेव राक्षसों को ईर्ष्या  रही है : ऐसे किस्से हमें पुराणो आदि में मिलते रहते है । परन्तु आज हमें देखने को भी मिल रहे है |  इससे पुराणों के वे किस्से स्व सिद्ध हो जाते है |

जब तक विदेशी और उनके एजेंट सत्ता में रहेंगे तब तक यही चलता रहेगा  |
महान आचार्य चाणक्य ने एक बार कहा था की जब कभी कोई विदेशी व्यक्ति तुम्हारे देश अथवा राज्य पर शासन करने लगे तो सचेत हो जाओ अन्यथा उन देश की सभ्यता का पतन निश्चित है ।  

हमारे ग्रन्थ रूपी ज्ञान के भंडार कई तो नष्ट किये  जा चुके है, तक्षशिला तथा नालंदा विश्वविधालयों की समस्त पुस्तकें ईर्ष्या  वश अग्नि की भेंट चढा दी गई तथा यवनों के आक्रमण के समय कई महीनो तक  यवनों का नहाने का पानी पुस्तकों को चूल्हे में दे दे कर गर्म होता रहा |

एक बार एक अंगेज ने एक भारतीय से कहा : तुम लोगो को आता ही क्या ?
हर चीज तो हमारे देशों से इम्पोर्ट करते हो ।
भारतीय बोला : पहले तो तु  हमारा शून्य, बाइनरी संख्या, परमाणु बम का आईडिया, कंप्यूटर प्रोग्रामिंग का आईडिया,विमान शास्त्र, योग विज्ञान और भारत से लुटा हुआ सेंकडों जहाज स्वर्ण, रजत , हीरे आदि लौटा और धो कर आ । फिर बात कर । 



मित्रों, भाइयों व बहिनों अब समय आ गया है हमें भी वेदों की और कूच करनी चाहिए |

TIME TO BACK TO VEDAS



|| सत्यम् शिवम् सुन्दरम् ||
जय शंकर 


23 टिप्‍पणियां:

  1. मित्रों, भाइयों व बहिनों अब समय आ गया है हमें भी वेदों की और कूच करनी चाहिए | से सहमत हूँ और ये काम की श्री गनेश स्कूल की समय से करवाना जरुरी है जो की १ चुनौती भरा है...और जब तक ये काम का सुरुवात नहीं होगा तब तक यैसे अनेकौ ज्ञान मूलक बिद्या से दुर्रहेंगे जो की हिन्दू के हित में उचित नहीं है...

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    1. sai kaha bhai.. fir b ham jaise jo log "five point someone" ki bakwas me time waste karte hai, vo to vedic technology me utar hi skte hai.

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    2. ek koshish mainey shuru ki hai logo ko apney dharm key barey me bataney ki ki akhir hamara dherm hi aisa dherm hai jo pura vigyan adharit hai aur ham murkh vidshi vastuo par mohit hue ja rahey hai ab tak 50 baccho ko 5 saal se 22 saal tak ko kurkure chips cold drink chudwa chuka hu ladai lambi hai

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    3. अच्छी बात है सखा .!
      अब इन्टरनेट के माध्यम से वैचारिक क्रांति आयेगी इस देश में ..
      कई साईटस है जो अच्छे कार्यों में संलग्न है तथा भारतीय पुरातन ज्ञान को प्रस्तुत कर रही है ।

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  2. Log Bhartiya upladhiyo ko Aliens ki den samajhte hai.Unhe ye manjur hai ki prachin videshiyo ne khoj ki par Bhartiyo par unhe sak hai.
    Ye soch hame mitani hogi aur logo ko batana hoga ki ye sab aliens ne nahi par mahan Bhartiyo ne kiya hai

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    1. यदि एलियंस की देन समझते है तो कोई दिक्कत नही, मुझे पता है की कई विदेशी वैज्ञानिक श्री कृष्ण आदि को भी एलियन मानते है । क्योकि महाभारत काल में ऐसी ऐसी तकनीक के प्रमाण मिले है की विदेशियों के रोंगटे खड़े हो गये । किन्तु ध्यान देने योग्य बात यह है की एलियंस होते कोन है । एलियन का अर्थ होता है - परगृही, दूसरी दुनिया के अथवा पृथ्वी लोक से परे । तो हमारे ग्रंथों में तो सदेव कहा गया है की प्रत्येक देवता का लोक भिन्न है जैसे विष्णु लोक/वैकुण्ठ लोक ब्रह्म लोक, शिव लोक, सूर्य, चन्द्र लोक आदि । ये सब पृथ्वी लोक से परे है ।
      और दूसरी बात कुछ वैज्ञानिक संस्कृत को भी एलियन भाषा कहते है उनका मानना है की जिस प्रकार की उत्कर्ष भाषा ये है इससे लगता है की ना तो इसकी उत्पत्ति मनुष्य द्वारा हुई और ना ही पृथ्वी पर हुई । और दूसरी ओर हमारे ग्रन्थ भी कहते है की ये देव भाषा है और देव कहाँ है ये मैं ऊपर बता चूका हु । तो हुई ना है एलियन/ब्रह्माण्ड की भाषा ।

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    2. ब्रह्म लोक से सम्बंधित ये लेख पढ़े ।
      http://www.vedicbharat.com/2013/03/theory-of-relativity.html

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  3. संजय अनेजा जी ने आपकी पोस्ट पर यह कमेंट किया है........
    .
    .
    "बुकमार्क कर रहा हूँ, आपके सद्प्रयासों की सफ़लता की कामना करता हूँ। वर्ड वेरिफ़िकेशन हटा देंगे तो टिप्पणी करने वालों को सुविधा होगी।"

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    1. वर्ड वेरिफ़िकेशन हटा दिया गया है ।
      धन्यवाद..

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    2. धन्यवाद, मुझे लगा था कि वर्ड वेरिफ़िकेशन के कारण शायद दूसरों को भी अपनी राय रखने में कठिनाई आ रही होगी, इसीलिये सुज्ञजी के माध्यम से आपतक अपनी बात पहुँचाई। सुज्ञजी के साथ साथ अनुरोध मानने के लिये आपका भी धन्यवाद।
      अपने पूर्वजों की उपलब्धियाँ आने वाली पीढियों के लिये किस प्रकार उपयोगी सिद्ध हों, यही महत्वपूर्ण है।

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  4. पवन कुमार जी,

    आपके इन आलेखों को ॥ भारत-भारती वैभवं ॥:पर प्रस्तुति के अधिकार प्रदान करें.

    अनुज्ञा की प्रतीक्षा!!

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    उत्तर
    1. धन्यवाद पवन कुमार जी, Aap ke lekh ko padh kar aanand aa gya
      or grav ki anubhuti ho rahi hai ......

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    2. Agar shri krishan bhagwan the to unhone mahabharat ka yudh kyu hone diya vo to sakti shaali the jab unhone geeta ka ghayan dena suru kiya arjun ko tab unhone sabhi logo ko pathar ka bana diya tha unhone aise kyu kiya vo apni sakti se korvo ke brain ko wash bhi to kar sakte the..............there are so many question which i am not able to get answer

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    3. dusto ka vinash jaruri hai, nhi to sabi innocent log mare jayenge. yadi sri krishn ne arjun ko geeta ka gyan nhi diya hota to pandav vo yudh nhi karte or korvo k ane wale putra b vaise hi papi hote hai, prathvi par burai havi ho jati.
      thik usi prakar border par kade dusman ko nhi mara gya to, tumhare desh me gush jayenge or tumhe gulam bana lenge.

      rha brain wash to ramji ne ravan ka brain karne ki kitni kosis ki par vo nhi mana, atah: dusto ka vinash hi ek matra upay hai

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  5. अति उत्तम , आपके पास शायद पुरणों का भंडार है | क्या हम आपसे संपर्क कर सकते हैं | आप मुझे lakhwinder108@gmail.com पे संपर्क कर सकते हैं |

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  6. Shree man ji kya mai esko apne facebook se share kar sakta

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  7. jay bharat ... sir muje aj hi iski link apne dost ke dwara mili he...

    ham logo ne kuchh yojna banayi he chaina market ko khatam kar
    apne bhaiyo ko rojgar muhhaya karana or har taluka me ek gaushaala suru karna ...

    apke sujav ka intjar rahega prabhu ji ...

    vandematram

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  8. कृपया और भी लेख जल्दी प्रकाशित करें

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