दोस्तों छोटी कक्षाओं में हम यही लिख कर पास हुए की ताज महल शाहजहाँ ने अपनी रानी की याद में बनवाया । यदि उस समय परीक्षाओं में हम ये गप्पे नही लिखते तो नंबर कट जाते ।
ये तो शुरुआत है रहस्य खुलते रहेंगे ....
अब तो हम पास हो चुके है इसलिए क्यों न सत्य का आलिंगन कर लिया जाये । किन्तु हमारे जो छोटे भाई, बहिन छोटी कक्षाओं में है वो परीक्षाओं में अभी भी गप्पे ही मारे अन्यथा नंबर काट दिए जायेंगे ।
"ताज महल शाहजहाँ ने बनवाया था"
इस कथन को प्रथम चुनौती देने वाला व्यक्ति था : पुरुषोत्तम नागेश ओक
ओक जी आजाद हिन्द फोज़ में सुभाष चन्द्र बोस के साथ स्वतंत्रता सेनानी के रूप में भी कार्य कर चुके है |
ओक जी का नाम उन महान इंसानों में लिया जाता है जो सदैव भारतीय संस्कृती को बचाने के प्रयासों में संलग्न रहे ।
एक तरफ चाटुकार इतिहासकार अपने आकाओं को प्रसन्न रखने हेतु उनके कहे अनुसार इतिहास के पन्ने भर रहे थे तो दूसरी और ओक जी उन पन्नो को संशोधित करने में तुले हुए थे |
श्री पी.एन. ओक अपनी पुस्तक "Tajmahal is a Hindu Temple Palace" में 100 से भी अधिक प्रमाण और तर्को का हवाला देकर दावा करते हैं कि ताजमहल वास्तव में शिव मंदिर है जिसका असली नाम तेजोमहालय है तथा शाहजहाँ के समय यह राजा मानसिंह के आधिपत्य में था |
श्री ओक के इन तथ्यो पर सरकार और प्रमुख विश्वविद्यालय आदि मौन रहे । जबकि इस विषय पर शोध किया जाना चाहिये और सही इतिहास से हमे अवगत करना चाहिये। किन्तु दुःख की बात तो यह है कि आज तक उनकी किसी भी प्रकार से अधिकारिक जाँच नहीं हुई।
खैर सरकार ना करे ना सही ।
इसके पश्चात अनेकों सत्पुरुषों ने खोज आरंभ की और महत्वपूर्ण तथ्य पाए |
इसके पश्चात एक अंग्रेज जिसका नाम Stephen Knapp है।
सनातन धर्म में अपनी रूचि के कारण Stephen Knapp सनातन धर्म पर कई पुस्तकें लिख चुके है |
इनकी अनेकों पुस्तकों में से Proof of Vedic Culture's Global Existence अत्यधिक लोकप्रिय रही |
जिसमे इन्होने अपने ताबड़तोड़ प्रयासों से सप्रमाण यह सिद्ध किया है की वैदिक/हिन्दू धर्म आदिकाल (SINCE THE TIME OF CREATION ) से है तथापि हजारों वर्षों पूर्व सम्पूर्ण पृथ्वी पर यही एक धर्म विद्यमान था |
इस पुस्तक के १४वें पाठ में इन्होने ताजमहल, कुतुबमीनार, दिल्ली, अहमदाबाद तथा बीजापुर आदि में स्थित अनेकों इमारतों पर संदेह व्यक्त किया है जैसा की ओक जी अपनी पुस्तकों में पहले ही कर चुके थे । यहाँ देखें :
http://www.stephen-knapp.com/proof_of_vedic_culture's_global_existence.htm
चूँकि सत्य का प्रकाश इनकी आत्मा में प्रवाहित हो चूका था फिर इन्होने ताजमहल पर भी शोध किया |
कहीं से ताजमहल के सत्य को बयां करती कई तस्वीरे इनके हाथ लग गई जिस पर Copyright Archaeology Survey of India की मुहर लगी थी । जो फ़िलहाल ठन्डे बस्ते में पड़ी थी ।
और इसके पश्चात एक लेख के साथ ये समस्त तस्वीरे इन्होने ने नेट पर चढ़ा दी । इन्होने अपने लेख में
लिखा है :
This collection has since traveled all across the internet after I have posted them here.
तथा वे आगे साफ साफ लिखते है की यदि ताजमहल जैसी विश्व प्रसिद्ध महान रचना के साथ भी ऐसा विवाद जुडा है तो भारत के कई अन्य छोटे मोटे स्थानों के साथ क्या क्या हुआ होगा ?
"The point to consider is how much more of India's history has been distorted if the background of such a grand building is so inaccurate."
ताजमहल के इस सत्य से सम्बन्धी अनेकों लेख लिखे जा चुके है इसलिए हम केवल आपको सभी उपयोगी लेखो की लिंकों की एक सूचि बना कर दे रहे है आप इन पर जाकर लेख पढ़ सकते है |
1. Stephen Knapp द्वारा :
http://www.stephen-knapp.com/was_the_taj_mahal_a_vedic_temple.htm
http://tajmahalrealhistory.wordpress.com/
2. महाशक्ति द्वारा -ओक जी की पुस्तक से
http://mahashakti.bharatuday.in/2009/12/blog-post_19.html
3. इतिहास पत्रिका (.pdf)
www.ece.lsu.edu/kak/taj.pdf
4. P.N. Oak's book: Taj Mahal was a temple! (.pdf)
banjarbaleagung.files.wordpress.com/2012/02/tajmahal.pdf
5. ओक जी की पुस्तक हिंदी में (.pdf)
http://archive.org/download/HindiBooksOfP.n.Oak/TajMahalMandirBhavanHei.pdf
ओक जी की अन्य पुस्तकें
http://archive.org/details/HindiBooksOfP.n.Oak
6.भारत भारती वैभवं द्वारा :
https://www.youtube.com/watch?v=OxsetAIqnoQ
"ताज महल शाहजहाँ ने बनवाया था"
इस कथन को प्रथम चुनौती देने वाला व्यक्ति था : पुरुषोत्तम नागेश ओक
ओक जी आजाद हिन्द फोज़ में सुभाष चन्द्र बोस के साथ स्वतंत्रता सेनानी के रूप में भी कार्य कर चुके है |
ओक जी का नाम उन महान इंसानों में लिया जाता है जो सदैव भारतीय संस्कृती को बचाने के प्रयासों में संलग्न रहे ।
एक तरफ चाटुकार इतिहासकार अपने आकाओं को प्रसन्न रखने हेतु उनके कहे अनुसार इतिहास के पन्ने भर रहे थे तो दूसरी और ओक जी उन पन्नो को संशोधित करने में तुले हुए थे |
श्री पी.एन. ओक अपनी पुस्तक "Tajmahal is a Hindu Temple Palace" में 100 से भी अधिक प्रमाण और तर्को का हवाला देकर दावा करते हैं कि ताजमहल वास्तव में शिव मंदिर है जिसका असली नाम तेजोमहालय है तथा शाहजहाँ के समय यह राजा मानसिंह के आधिपत्य में था |
श्री ओक के इन तथ्यो पर सरकार और प्रमुख विश्वविद्यालय आदि मौन रहे । जबकि इस विषय पर शोध किया जाना चाहिये और सही इतिहास से हमे अवगत करना चाहिये। किन्तु दुःख की बात तो यह है कि आज तक उनकी किसी भी प्रकार से अधिकारिक जाँच नहीं हुई।
खैर सरकार ना करे ना सही ।
इसके पश्चात अनेकों सत्पुरुषों ने खोज आरंभ की और महत्वपूर्ण तथ्य पाए |
इसके पश्चात एक अंग्रेज जिसका नाम Stephen Knapp है।
सनातन धर्म में अपनी रूचि के कारण Stephen Knapp सनातन धर्म पर कई पुस्तकें लिख चुके है |
इनकी अनेकों पुस्तकों में से Proof of Vedic Culture's Global Existence अत्यधिक लोकप्रिय रही |
जिसमे इन्होने अपने ताबड़तोड़ प्रयासों से सप्रमाण यह सिद्ध किया है की वैदिक/हिन्दू धर्म आदिकाल (SINCE THE TIME OF CREATION ) से है तथापि हजारों वर्षों पूर्व सम्पूर्ण पृथ्वी पर यही एक धर्म विद्यमान था |
इस पुस्तक के १४वें पाठ में इन्होने ताजमहल, कुतुबमीनार, दिल्ली, अहमदाबाद तथा बीजापुर आदि में स्थित अनेकों इमारतों पर संदेह व्यक्त किया है जैसा की ओक जी अपनी पुस्तकों में पहले ही कर चुके थे । यहाँ देखें :
http://www.stephen-knapp.com/proof_of_vedic_culture's_global_existence.htm
चूँकि सत्य का प्रकाश इनकी आत्मा में प्रवाहित हो चूका था फिर इन्होने ताजमहल पर भी शोध किया |
कहीं से ताजमहल के सत्य को बयां करती कई तस्वीरे इनके हाथ लग गई जिस पर Copyright Archaeology Survey of India की मुहर लगी थी । जो फ़िलहाल ठन्डे बस्ते में पड़ी थी ।
और इसके पश्चात एक लेख के साथ ये समस्त तस्वीरे इन्होने ने नेट पर चढ़ा दी । इन्होने अपने लेख में
लिखा है :
This collection has since traveled all across the internet after I have posted them here.
तथा वे आगे साफ साफ लिखते है की यदि ताजमहल जैसी विश्व प्रसिद्ध महान रचना के साथ भी ऐसा विवाद जुडा है तो भारत के कई अन्य छोटे मोटे स्थानों के साथ क्या क्या हुआ होगा ?
"The point to consider is how much more of India's history has been distorted if the background of such a grand building is so inaccurate."
ताजमहल के इस सत्य से सम्बन्धी अनेकों लेख लिखे जा चुके है इसलिए हम केवल आपको सभी उपयोगी लेखो की लिंकों की एक सूचि बना कर दे रहे है आप इन पर जाकर लेख पढ़ सकते है |
1. Stephen Knapp द्वारा :
http://www.stephen-knapp.com/was_the_taj_mahal_a_vedic_temple.htm
http://tajmahalrealhistory.wordpress.com/
2. महाशक्ति द्वारा -ओक जी की पुस्तक से
http://mahashakti.bharatuday.in/2009/12/blog-post_19.html
3. इतिहास पत्रिका (.pdf)
www.ece.lsu.edu/kak/taj.pdf
4. P.N. Oak's book: Taj Mahal was a temple! (.pdf)
banjarbaleagung.files.wordpress.com/2012/02/tajmahal.pdf
5. ओक जी की पुस्तक हिंदी में (.pdf)
http://archive.org/download/HindiBooksOfP.n.Oak/TajMahalMandirBhavanHei.pdf
ओक जी की अन्य पुस्तकें
http://archive.org/details/HindiBooksOfP.n.Oak
6.भारत भारती वैभवं द्वारा :
ताजमहल की असलियत ... एक शोध
ताजमहल की असलियत ... एक शोध भाग 1
http://bharatbhartivaibhavam.blogspot.in/2011/09/blog-post_13.html
ताजमहल की असलियत ... एक शोध भाग 2
ताजमहल की असलियत ... एक शोध भाग 3
ताजमहल की असलियत ... एक शोध भाग 4
ताजमहल की असलियत ... एक शोध भाग 5
ताजमहल की असलियत ... एक शोध भाग 6
ताजमहल की असलियत ... एक शोध भाग 7
ताजमहल की असलियत ... एक शोध भाग 8
आगे के भाग प्रकाशित होना शेष है ।
https://www.youtube.com/watch?v=OxsetAIqnoQ
ये तो शुरुआत है रहस्य खुलते रहेंगे ....
Wah sahi kaha
जवाब देंहटाएंaaj bhi kai jagah hai jo jamin ke andar hai aur ab tak unhe nikala nahi gaya hai
kash kuch is desh ke log jage aur is desh ki history sudharne me madat kare
sai kaha bhai.
हटाएंओक जी की पुस्तक जो हिंदी में लिंक दिया गया है..उसका अच्छा स्कैन मिल सके तो आपका धन्यवाद
जवाब देंहटाएंकिताब पूर्णत्या डाउनलोड न होने के कारन ऐसी प्रतीत हो रही थी...कोटि कोटि धन्यवाद
हटाएंaapka swagat hai..
हटाएंhttp://prachinsabyata.blogspot.com/2013/04/blog-post_6381.html
जवाब देंहटाएंअमन भाई, ईसा मसीह एक कृष्ण भक्त नही थे बल्कि क्रिश्चियनिटी:-कृष्ण निति है ।
हटाएंईसा मसीह नाम का कोई था ही नही ।
download book: christianity is krishna-neeti
http://ia600502.us.archive.org/14/items/HindiBooksOfP.n.Oak/ChristinityKrsnaNitiHei.pdf
http://www.indiadivine.org/showthread.php/473876-Christianiti-is-actually-Krishna-Neeti
taj Mahal tejo mahalay shiv mandir hi hai.
जवाब देंहटाएंब्लॉग के रचयिता से मेरा प्रार्थना है की जीतनी भी इस प्रकार की पुस्तक उपलब्ध हो पाती है उन साड़ी पुस्तकों के लेखकों से प्रार्थना करके उनका हिंदी अनुवाद छपवाने का प्रयास करें और बहुत ही कम मूल्य में भारत में वितरण का प्रयास करें | भारत का सबसे बड़ा दुश्मन "अशिक्षा" और "अज्ञानता" है |
जवाब देंहटाएंआप का प्रयास सराहनिय है | बस इसकी पहुँच जीतनी आप बढ़ाएंगे , वाही आपकी असली देश सेवा होगी |
धन्यवाद !
Aabe salle tere kahne so hoga chutiya kahika budhu..
जवाब देंहटाएंAabe salle tere kahne so hoga chutiya kahika budhu..
जवाब देंहटाएंकुरान में देख अल्लाह ताला ने तोड़ फोड़ मार काट के अलावा कुछ और फ़रमाया है क्या ?
हटाएंhttps://docs.google.com/file/d/0B-QqeB6P9jsHZEp1VU85WURrUDg/edit
Aabe jab praman h shivji k mandir hone k ... to bas bakchodi na kaar...
जवाब देंहटाएंbat hindu ya muslma hone ki nahi hai, bas hame sach se avgat hona hai aur desh k har kone ko avgat karana hai q k ham hi to desh k bhavishya hai. jin galat avdharanao me ham jite aye hai ane wale kal ko usase bachana hoga.
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