यदि में आप से पुछु की पहला हवाई जहाज किसने बनाया तो निश्चित तोर पर अधिक
लोगो के मन में आयेगा Wright brothers का नाम आयेगा। परन्तु यह सत्य नही
है।
आज के समय का दुनिया का पहला विमान शिवकर बापूजी तलपडे (1864–1916) ने बनाया था जो की मुंबई के रहने वाले थे । तथा Pathare Prabhu community के सदस्य थे। शिवकर जी संस्कृत व वेदों के महान ज्ञाता थे। उन्होंने उस विमान का नाम मारुतसखा (मारुत अर्थात हवा, वायु ) (सखा का अर्थ मित्र ) रखा। मारुतसखा शब्द का प्रयोग ऋग्वेद (7.92.2) में देवी सरस्वती के लिए प्रयुक्त हुआ है। सन 1895 में उन्होंने इस विमान का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया और 1500 फुट की ऊंचाई तक उड़ाया । इनकी रचना का मुख्य आधार महर्षि भारद्वाज रचित ‘विमान शास्त्र‘ था
जैसा के हम जानते है उस समय अंग्रेजो की हुकूमत थी उन्हें एक भारतीय की यह सफलता रास नही आयी । अंग्रेजी हुकूमत के कहने पर बड़ोदा के रजवाडो ने शिवकर जी की और अधिक सहायता नही की।
अंग्रेजों ने एक समझोते के नाम पर शिवकर जी से धोखा किया और उस विमान की रचना से सम्बंधित समस्त दस्तावेज उनसे हथिया लिए । फिर क्या होना था वे दस्तावेज अमेरिका पहुंचे और Wright brothers के हाथ लग गये | इसके 8 वर्ष पश्चात सन 1903 में राईट बंधुओं ने उसी प्रकार के एक विमान की रचना की और अपने नाम से रजिस्टर करवा लिया और ढंढोरा पिटते फिरे ।
इसी दोरान शिवकर जी की पत्नी की मृत्यु हो गई। मानसिक रूप से दुखी होने के कारण शिवकर जी अपने शोध और आगे न बड़ा सके | परन्तु उनकी इस अनोखी खोज ने भारतीय विद्वानों को वैदिक शास्त्रों की महानता से अवगत करवाया । भारतीय विद्वानों ने उन्हें "विद्या प्रकाश प्रदीप" की उपाधि से अलंकृत किया ।
सन 1916 में शिवकर जी इस दुनिया से विदा हुए । आज का समाज Wright brothers को हवाई जहाज का श्रेय देता है जबकि हमें शिवकर जी का शुक्रिया अदा करना चाहिए जिन्होंने विदेशियों से 8 वर्ष पूर्व ही विमान कर निर्माण कर लिया था ।
अधिक जानकारी के लिए देखे
http://oldphotosbombay.blogspot.in/2010/08/1895-talpades-flight-over-chowpathy.html
http://cpdarshi.wordpress.com/2012/08/09/sri-shivakar-bapuji-talpade-ancient-indian-aeronautics/
http://ajitvadakayil.blogspot.in/2011/11/shivkur-bapuji-talpade-nobel-prize-and.html
आज के समय का दुनिया का पहला विमान शिवकर बापूजी तलपडे (1864–1916) ने बनाया था जो की मुंबई के रहने वाले थे । तथा Pathare Prabhu community के सदस्य थे। शिवकर जी संस्कृत व वेदों के महान ज्ञाता थे। उन्होंने उस विमान का नाम मारुतसखा (मारुत अर्थात हवा, वायु ) (सखा का अर्थ मित्र ) रखा। मारुतसखा शब्द का प्रयोग ऋग्वेद (7.92.2) में देवी सरस्वती के लिए प्रयुक्त हुआ है। सन 1895 में उन्होंने इस विमान का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया और 1500 फुट की ऊंचाई तक उड़ाया । इनकी रचना का मुख्य आधार महर्षि भारद्वाज रचित ‘विमान शास्त्र‘ था
जैसा के हम जानते है उस समय अंग्रेजो की हुकूमत थी उन्हें एक भारतीय की यह सफलता रास नही आयी । अंग्रेजी हुकूमत के कहने पर बड़ोदा के रजवाडो ने शिवकर जी की और अधिक सहायता नही की।
अंग्रेजों ने एक समझोते के नाम पर शिवकर जी से धोखा किया और उस विमान की रचना से सम्बंधित समस्त दस्तावेज उनसे हथिया लिए । फिर क्या होना था वे दस्तावेज अमेरिका पहुंचे और Wright brothers के हाथ लग गये | इसके 8 वर्ष पश्चात सन 1903 में राईट बंधुओं ने उसी प्रकार के एक विमान की रचना की और अपने नाम से रजिस्टर करवा लिया और ढंढोरा पिटते फिरे ।
इसी दोरान शिवकर जी की पत्नी की मृत्यु हो गई। मानसिक रूप से दुखी होने के कारण शिवकर जी अपने शोध और आगे न बड़ा सके | परन्तु उनकी इस अनोखी खोज ने भारतीय विद्वानों को वैदिक शास्त्रों की महानता से अवगत करवाया । भारतीय विद्वानों ने उन्हें "विद्या प्रकाश प्रदीप" की उपाधि से अलंकृत किया ।
सन 1916 में शिवकर जी इस दुनिया से विदा हुए । आज का समाज Wright brothers को हवाई जहाज का श्रेय देता है जबकि हमें शिवकर जी का शुक्रिया अदा करना चाहिए जिन्होंने विदेशियों से 8 वर्ष पूर्व ही विमान कर निर्माण कर लिया था ।
अधिक जानकारी के लिए देखे
http://oldphotosbombay.blogspot.in/2010/08/1895-talpades-flight-over-chowpathy.html
http://cpdarshi.wordpress.com/2012/08/09/sri-shivakar-bapuji-talpade-ancient-indian-aeronautics/
http://ajitvadakayil.blogspot.in/2011/11/shivkur-bapuji-talpade-nobel-prize-and.html
india was ruled by britain at that time then why did they give the documents to america
जवाब देंहटाएंdocuments were not given to anybody, they were grabbed forcefully by white people.
हटाएंye america tak pahucha kyuki swami ji america me khub naam kama chuke the
जवाब देंहटाएंaur isi wajah se hamare granth america pahuche tak pahuche
aur Wright brothers ko bhi swami ji ke kisi american bhakt se ye sab pata chala hoga
ये साले अंग्रेज हमारे देश की सम्पत्ति को लूटने के साथ-साथ हमारे देश के बड़े-बड़े शास्त्रों को भी जला दिया।
जवाब देंहटाएंhamre purwaj means ancient people aaj ki modern life se bhi aage the
जवाब देंहटाएंHamare INDIA me aise kai sashtr hai jnme bhut si aisi jankariya hai jise
paddhkar aap assai se kai khoj kar sakte hai.
hame bas jarurat hai apne sashtro ko padddhne or samajhne ki.
वैदिक आज्ञा का पालन नही करने से हुआ भारत का पतन
जवाब देंहटाएंAgar ham apni ek group banay to sayad iis safalta tak pahuch sakten hain
जवाब देंहटाएंMaine bhi ek barr udne ka ahsas kiya hai achanak laga ki gravity khatam ho gayi
क्यो नही हम सब मिलके एक ग्रुप बनाये और हमसे जो चिजे दस्तावेज जो अंग्रेजोने छीनी है वो वापस उनसे कपटसे छीन ले जो कपट अंग्रेजों ने अपने साथ खेला था
जवाब देंहटाएंअगर कुछ विचार है तो मैं आगे बढनेको तय्यार हुं !
हाँ भाई मैं भी तैयार हूँ
हटाएंJarur mai v hu
हटाएंJarur mai v hu
हटाएंहम सब एक हो जांयें मुझे सुचीत करें !
जवाब देंहटाएंहम।सब।ऐक।हौ।जाये
जवाब देंहटाएंहमको एक होना ही होगा
जवाब देंहटाएंBhuddhi hamme bahut hai saraft kuch jada hi adhik hai
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