भारत की 7 प्रमुख नदियाँ मानी जाती है जो इस प्रकार है : गंगा, यमुना, सरस्वती, नर्मदा, शिप्रा, गोदावरी तथा कावेरी । अब तक सरस्वती नदी को छोड़ कर बाकि समस्त नदियाँ हमारे पास थी । सरस्वती नदी का विवरण ऋग्वेद से लेकर पुराणो तक में कई बार आया है |
यजुर्वेद:
यजुर्वेद की वाजस्नेयी संहिता ३४.११ में कहा गया है कि पांच नदियाँ अपने पूरे प्रवाह के साथ सरस्वती नदी में प्रविष्ट होती हैं, ये पांच नदियाँ पंजाब की सतलुज, रावी, व्यास, चेनाव और दृष्टावती हो सकती हैं। वी. एस वाकणकर के अनुसार पांचों नदियों के संगम के सूखे हुए अवशेष राजस्थान के बाड़मेर या जैसलमेर के निकट पंचभद्र तीर्थ पर देखे जा सकते है।
बलराम जी द्वारा इसके तट के समान्तर प्लक्ष पेड़ (प्लक्षप्रस्त्रवण,यमुनोत्री के पास) से प्रभास क्षेत्र (वर्तमान कच्छ का रण) तक की गयी तीर्थयात्रा का वर्णन भी महाभारत में आता है। महाभारत के अनुसार कुरुक्षेत्र तीर्थ सरस्वती नदी के दक्षिण और दृष्टावती नदी के उत्तर में स्थित है।
यजुर्वेद की वाजस्नेयी संहिता ३४.११ में कहा गया है कि पांच नदियाँ अपने पूरे प्रवाह के साथ सरस्वती नदी में प्रविष्ट होती हैं, ये पांच नदियाँ पंजाब की सतलुज, रावी, व्यास, चेनाव और दृष्टावती हो सकती हैं। वी. एस वाकणकर के अनुसार पांचों नदियों के संगम के सूखे हुए अवशेष राजस्थान के बाड़मेर या जैसलमेर के निकट पंचभद्र तीर्थ पर देखे जा सकते है।
- रामायण:
- वाल्मीकि रामायण में भरत के कैकय देश से अयोध्या आने के प्रसंग में सरस्वती और गंगा को पार करने का वर्णन है- 'सरस्वतीं च गंगा च युग्मेन प्रतिपद्य च, उत्तरान् वीरमत्स्यानां भारूण्डं प्राविशद्वनम्' सरस्वती नदी के तटवर्ती सभी तीर्थों का वर्णन महाभारत में शल्यपर्व के 35 वें से 54 वें अध्याय तक सविस्तार दिया गया है। इन स्थानों की यात्रा बलराम ने की थी। जिस स्थान पर मरूभूमि में सरस्वती लुप्त हो गई थी उसे 'विनशन' कहते थे।
- महाभारत:
- महाभारत में तो सरस्वती नदी का उल्लेख कई बार किया गया है। सबसे पहले तो यह बताया गया है कि कई राजाओं ने इसके तट के समीप कई यज्ञ किये थे। वर्तमान सूखी हुई सरस्वती नदी के समान्तर खुदाई में ५५००-४००० वर्ष पुराने शहर मिले हैं जिन में पीलीबंगा, कालीबंगा और लोथल भी हैं। यहाँ कई यज्ञ कुण्डों के अवशेष भी मिले हैं, जो महाभारत में वर्णित तथ्य को प्रमाणित करते हैं ।
बलराम जी द्वारा इसके तट के समान्तर प्लक्ष पेड़ (प्लक्षप्रस्त्रवण,यमुनोत्री के पास) से प्रभास क्षेत्र (वर्तमान कच्छ का रण) तक की गयी तीर्थयात्रा का वर्णन भी महाभारत में आता है। महाभारत के अनुसार कुरुक्षेत्र तीर्थ सरस्वती नदी के दक्षिण और दृष्टावती नदी के उत्तर में स्थित है।
- पुराण में संदर्भ:
- सिद्धपुर (गुजरात) सरस्वती नदी के तट पर बसा हुआ है। पास ही बिंदुसर नामक सरोवर है, जो महाभारत का 'विनशन' हो सकता है। यह सरस्वती मुख्य सरस्वती ही की धारा जान पड़ती है। यह कच्छ में गिरती है, किंतु मार्ग में कई स्थानों पर लुप्त हो जाती है।'सरस्वती' का अर्थ है- सरोवरों वाली नदी, जो इसके छोड़े हुए सरोवरों से सिद्ध होता है।
- श्रीमद्भागवत "श्रीमद् भागवत (5,19,18)" में यमुना तथा दृषद्वती के साथ सरस्वती का उल्लेख है।"मंदाकिनीयमुनासरस्वतीदृषद्वदी गोमतीसरयु" "मेघदूत पूर्वमेघ" में कालिदास ने सरस्वती का ब्रह्मावर्त के अंतर्गत वर्णन किया है । "कृत्वा तासामभिगममपां सौम्य सारस्वतीनामन्त:शुद्धस्त्वमपि भविता वर्णमात्रेण कृष्ण:" सरस्वती का नाम कालांतर में इतना प्रसिद्ध हुआ कि भारत की अनेक नदियों को इसी के नाम पर 'सरस्वती' कहा जाने लगा। पारसियों के धर्मग्रंथ अवेस्ता में भी सरस्वती का नाम हरहवती मिलता है।
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- कुछ बुद्धिजीवियों ने सरस्वती नदी हजारों वर्षो पूर्व विलुप्त हुई जाना तथा कुछ ने इसे मिथ्या माना ।
- किन्तु कुछ वर्ष पूर्व एक आश्चर्य जनक तथ्य सामने आया है की असल में सरस्वती नदी कभी विलुप्त हुई ही नही । महाभारत के समय में हुई भोगोलोक उठा पठक के पश्चात इस नदी ने अपना मार्ग राजस्थान की भूमि के निचे बना लिया था और राजस्थान के जैसलमेर में इस नदी का पुनः प्राकट्य हुआ है
- इस दोरान भाभा एटॉमिक रिसर्च सेण्टर तथा ISRO के वैज्ञानिक वहां पहुंचे तथा उस जल धारा की कार्बन डेटिंग जाँच की और यह दावा किया की यह जल विलुप्त मानी जाने वाली सरस्वती नदी का ही है ।
- निम्न विडियो देखे :
- http://hi.wikipedia.org/wiki/सरस्वती_नदी
- http://aajtak.intoday.in/story/muse-muse-detected-in-the-hell-did-1-724211.html
par us ullu vaigyanik ne video me kaha ki ye nadi vedic kaal ki hai harappan nahi jabki kai harappan nagar saraswati ke kinare hai
जवाब देंहटाएंvedic kaal 2000 BC ke baad shuru hota ha par saraswati usse pahale vilupt hui
vedic kaal 2000 BC ke baad shuru hota hai.. kahan sun liya? dimag sai to hai?? vaigyanik ullu hai or aap great hai?
हटाएंhttp://www.vedicbharat.com/2013/03/ancient-indian-sanskrit-texts-time-table.html
सरस्वती नदी विलुप्त हुई थी महाभारत युद्ध के पश्चात क्यू की महाभारत में इसका वर्णन है
हटाएंsir aap jyotish ke baare me kya kahenge ye ek real science hai ya nahi
जवाब देंहटाएंsir aap jyotish ke liye kya kahenge ye ek real science hai ya nahi
जवाब देंहटाएंमित्र ज्योतिष में दो प्रकार आते है , एक तो गणित ज्योतिष है जिसमे ग्रहों आदि की गति द्वारा समय की गणना आदि की जाती है ये विज्ञानं तो स्व सिद्ध है इसे सभी मानते है परन्तु दूसरी और फलित ज्योतिष है जिसमे ग्रहों का मानव जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव तथा उसका निवारण किया जाता है ये विद्या कई वैज्ञानिकों की समझ से परे है . किन्तु मेरे अनुसार ये विद्या भी सत्य है मिथ्या नही| इस पर भी समय मिलने पर मैं एक विस्तृत लेख लिखूंगा..
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