रामायण तथा उसमे वर्णित पुष्पक विमान आदि को कपोलकल्पित कहने वालो के मुख पर एक और कड़क चमाट ।
जी हाँ दोस्तों , रावन के रामायण कालीन ४ हवाईअड्डे खोजने का दावा किया है श्री लंका की रामायण अनुसन्धान कमेटी ने ।
पिछले ९ वर्षों से ये कमेटी श्री लंका का कोना कोना छान रही थी जिसके तहत कई छुट पुट जानकारी व् अवशेष भी मिलते रहे परन्तु पिछले ४ सालो में लंका के दुर्गम स्थानों में की गई खोज के दोरान रावण के ४ हवाईअड्डे हाथ लगे है ।
कमेटी के अध्यक्ष अशोक केंथ का कहना है की रामायण में वर्णित लंका वास्तव में श्री लंका ही है जहाँ उसानगोडा , गुरुलोपोथा , तोतुपोलाकंदा तथा वरियापोला नामक चार हवाईअड्डे मिले है ।
उसानगोडा रावण का निजी हवाईअड्डा था तथा यहाँ का रनवे लाल रंग का है । इसके आसपास की जमीं कहीं काली तो कहीं हरी घास वाली है । जब हनुमान जी सीता जी की खोज में लंका गये तो वहां से लौटते समय उन्होंने रावण के निजी उसानगोडा को नष्ट कर दिया था ।
आगे केंथ ने बताया की अब तक उनकी टीम ने लंका के ५० दुर्गम स्थानों की खोज की है । इससे पूर्व पंजाब के अशोक केंथ सन २ ० ० ४ में लंका में स्थित अशोक वाटिका खोजने के कारन सुर्खियों में आये थे ।
तत्पश्चात श्री लंका सर्कार ने २ ० ० ७ में 'श्री रामायण अनुसन्धान कमेटी' का गठन किया तथा केंथ को इसका अध्यक्ष बनाया था ।
श्री रामायण अनुसन्धान कमेटी के मुख्य सदस्य :
इस कमिटी में श्री लंका के पर्यटन मंत्रालय के डायरेक्टर जनरल क्लाइव सिलबम , आस्ट्रेलिया के हेरिक बाक्सी , लंका के पीवाई सुदेशम, जर्मनी के उर्सला मुलर , इंग्लॅण्ड की हिमी जायज शामिल है ।
अब तक क्या क्या पाया ?
अशोक वाटिका,
रावण के ४ हवाईअड्डे : उसानगोडा , गुरुलोपोथा , तोतुपोलाकंदा , वरियापोला
रावण का महल ,
विभीषण का महल
आदि ।
http://www.bhaskar.com/article/PUN-JAL-airport-prevailed-in-raavan-regime-4264114-PHO.html
http://www.bhaskar.com/article/c-3-811668-NOR.html
ये स्थान व् हवाईअड्डे आदि कितने पुराने ?
वेद विज्ञानं मंडल, पुणे के डा० वर्तक जी ने वालमिकी रामायण में वर्णित ग्रहों नक्षत्रों की स्थति(astronomical calculations) तथा उन्ही ग्रहों नक्षत्रों की वर्तमान स्थति पर गहन शोध कर रामायण काल को लगभग 7323 ईसा पूर्व अर्थात आज से लगभग 9336 वर्ष पूर्व का बताया है । इस विषय पर उन्होंने एक पूरी पुस्तक भी लिख डाली है जिसमे उन्होंने लगभग सभी मुख्य घटनाओं की तिथि निर्धारित की है । इनकी पुस्तक की एक प्रति निम्न है :
इसके साथ साथ ये भी बता दिया जाये की आधुनिक समय में भी सबसे पहले विमान भारत में ही बनाया गया था , विदेशी वेज्ञानिक राईट बंधुओं से ८ वर्ष पहले ।
यहाँ देखे : http://www.vedicbharat.com/2013/01/a.html
सनातन् धर्मं: नमो नमः
TIME TO BACK TO VEDAS
वेदों की ओर लौटो ।
सत्यम् शिवम् सुन्दरम्
जी हाँ दोस्तों , रावन के रामायण कालीन ४ हवाईअड्डे खोजने का दावा किया है श्री लंका की रामायण अनुसन्धान कमेटी ने ।
पिछले ९ वर्षों से ये कमेटी श्री लंका का कोना कोना छान रही थी जिसके तहत कई छुट पुट जानकारी व् अवशेष भी मिलते रहे परन्तु पिछले ४ सालो में लंका के दुर्गम स्थानों में की गई खोज के दोरान रावण के ४ हवाईअड्डे हाथ लगे है ।
कमेटी के अध्यक्ष अशोक केंथ का कहना है की रामायण में वर्णित लंका वास्तव में श्री लंका ही है जहाँ उसानगोडा , गुरुलोपोथा , तोतुपोलाकंदा तथा वरियापोला नामक चार हवाईअड्डे मिले है ।
उसानगोडा रावण का निजी हवाईअड्डा था तथा यहाँ का रनवे लाल रंग का है । इसके आसपास की जमीं कहीं काली तो कहीं हरी घास वाली है । जब हनुमान जी सीता जी की खोज में लंका गये तो वहां से लौटते समय उन्होंने रावण के निजी उसानगोडा को नष्ट कर दिया था ।
आगे केंथ ने बताया की अब तक उनकी टीम ने लंका के ५० दुर्गम स्थानों की खोज की है । इससे पूर्व पंजाब के अशोक केंथ सन २ ० ० ४ में लंका में स्थित अशोक वाटिका खोजने के कारन सुर्खियों में आये थे ।
तत्पश्चात श्री लंका सर्कार ने २ ० ० ७ में 'श्री रामायण अनुसन्धान कमेटी' का गठन किया तथा केंथ को इसका अध्यक्ष बनाया था ।
श्री रामायण अनुसन्धान कमेटी के मुख्य सदस्य :
इस कमिटी में श्री लंका के पर्यटन मंत्रालय के डायरेक्टर जनरल क्लाइव सिलबम , आस्ट्रेलिया के हेरिक बाक्सी , लंका के पीवाई सुदेशम, जर्मनी के उर्सला मुलर , इंग्लॅण्ड की हिमी जायज शामिल है ।
अब तक क्या क्या पाया ?
अशोक वाटिका,
रावण के ४ हवाईअड्डे : उसानगोडा , गुरुलोपोथा , तोतुपोलाकंदा , वरियापोला
रावण का महल ,
विभीषण का महल
आदि ।
http://www.bhaskar.com/article/PUN-JAL-airport-prevailed-in-raavan-regime-4264114-PHO.html
http://www.bhaskar.com/article/c-3-811668-NOR.html
ये स्थान व् हवाईअड्डे आदि कितने पुराने ?
वेद विज्ञानं मंडल, पुणे के डा० वर्तक जी ने वालमिकी रामायण में वर्णित ग्रहों नक्षत्रों की स्थति(astronomical calculations) तथा उन्ही ग्रहों नक्षत्रों की वर्तमान स्थति पर गहन शोध कर रामायण काल को लगभग 7323 ईसा पूर्व अर्थात आज से लगभग 9336 वर्ष पूर्व का बताया है । इस विषय पर उन्होंने एक पूरी पुस्तक भी लिख डाली है जिसमे उन्होंने लगभग सभी मुख्य घटनाओं की तिथि निर्धारित की है । इनकी पुस्तक की एक प्रति निम्न है :
यहाँ देखे : http://www.vedicbharat.com/2013/01/a.html
सनातन् धर्मं: नमो नमः
TIME TO BACK TO VEDAS
वेदों की ओर लौटो ।
सत्यम् शिवम् सुन्दरम्
What is source of your information. Can you share the link in where this news /information published.
जवाब देंहटाएंi have attached image of news paper.
हटाएंhttp://www.bhaskar.com/article/PUN-JAL-airport-prevailed-in-raavan-regime-4264114-PHO.html
हटाएंhttp://www.bhaskar.com/dainikbhaskar2010/scripts/print/index.php?printfile=http://www.bhaskar.com/article/c-3-811668-NOR.html
Hinduon, Congress aur sudoseculariests Tumhe Sharia kanun k 'Zimmi' Arthat GULAM E ISLAM banane ja rahe hai! An to SEX AUR SENSEX KO CHHODO! APNI SALAMATI KO SOCHO! :- Dr. Subramanian Swamy
जवाब देंहटाएंMinority institutions including Jemait-e-Ulema are forcing congress for passing this bill. Congress wants this bill to win 2014 election with 'minority' votes.
Salient features of The Prevention of Communal and Targeted Violence Bill- PCTV Bill :-
1) Based on the presumption that all Hindus are criminals and rioters. This law can be invoked only against Hindus by minorities. (the bill defines Muslims, Christians etc. as “the minority Group” in (sec 3.e))
2) Merely a complaint will be sufficient to file a FIR and the Hindu against whom the complaint is made will be immediately arrested and assumed guilty UNLESS PROVEN otherwise (In normal criminal procedure, an accused is assumed innocent unless proven guilty);
3) All crimes under this Bill are cognizable and non-bailable [Clause 56 of may 2011 version];
4) It can trigger a new wave of extortion by minority groups against Hindus, the majority of whom are the working and business class. This will have colossal negative repercussions for the Indian economy.
5) Section 129 states that for prosecution of offences under Sec 9 there will be no limitation of time. It means a 'Minority' can reopen all cases against Hindus, all past cases right from 1950 onwards.
6) Under Sec. 42, A minority witness giving false statement before National authority CANNOT be prosecuted for giving FALSE evidence against a Hindu.
_______________________________________
Summary ?
Just like Pakistan, Bangladesh or Kashmir.,
Hindus will be left with 3 options:
(i) Convert
(ii) Flee
(iii) Suffer entire life
Choose.
___________________________
Share with all your contacts...ANYATHA AAP K ISHTADEV BHI AAP KO MAAF NAHI KARENGE! Vandemataram.