अंतिम प्रभा का है हमारा विक्रमी संवत यहाँ, है किन्तु औरों का उदय इतना पुराना भी कहाँ ?
ईसा,मुहम्मद आदि का जग में न था तब भी पता, कब की हमारी सभ्यता है, कौन सकता है बता? -मैथिलिशरण गुप्त

बुधवार, 16 अक्तूबर 2013

मोदी के रंग में डूबा बॉलीवुड । Bollywood Stars Fans of Narendra Modi

आईये आज आपको दिखाते है मोदीजी का दबंग------------

मोदी राजनेता से अब एक सेलिब्रिटी भी बन चुके हैं, इसमें कोई शक नहीं। हमेशा खबरों में छाए रहने वाले मोदी के आम लोग ही नहीं, फिल्मी सितारे भी दीवाने बनते जा रहे हैं।

इतना ही नहीं, दबी-दबी आवाज में गुजरात के विकास की बात सभी मानते हैं, फिर चाहे उनके प्रतिद्वंदी ही क्यों न। यह बात अलग है कि वे खुलेआम कह नहीं सकते। और जिन्होंने ऐसी गलती की भी, तो उन्हें तत्काल इसकी कीमत चुकानी भी पड़ी है।
--> लक्ष्मी ने हिंदी फिल्म डिपार्टमेंट से लेकर हॉलीवुड और तेलुगु फिल्मों में भी काम किया है। इसके अलावा वे कई सीरियल्स और टॉक शो में भी नजर आ चुकी हैं। लक्ष्मी परसाणा मंचू फिल्म एक्ट्रेस, सिंगर, मॉडल, प्रोड्युसर और टेलीविजन होस्ट हैं। वे एक्टर मोहन बाबू और विद्या देवी की बेटी हैं। इतना ही नहीं, वे अमेरिकन टेलीविजन सीरीज ‘लास वेगास’ और ‘डिस्परेट हाउसीज’ में भी काम कर चुकी हैं। मंचु, मोदी की बहुत बड़ी फैन हैं।


--> दिसंबर 2012 में वडोदरा पहुंची ऐश्वर्या राय गुजरात की चमक-दमक देखकर मोदी की तारीफ करने से खुद को रोक नहीं सकीं थीं।  दरअसल वे यहां एक ज्वैलरी शो-रूम के उद्घाटन अवसर पर आई थीं। इस मौके पर उन्होंने गुजरात में हो रहे विकास कार्यो के लिए मोदी की तारीफ की थी।



--> साउथ ही हॉट एक्ट्रेस अवनि मोदी ने गत माह एक इंटरव्यू में कहा था ‘गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के कारण मैं एक ब्रांड बन चुकी हैं। दरअसल मेरा सरनेम भी मोदी है और आजकल देश भर में नरेंद्र मोदी के नाम की ही गूंज है। अब तो साउथ की पूरी फिल्म इंडस्ट्रीज उन्हें मिस मोदी के नाम से बुलाती है।
इंटरव्यू के दौरान अवनि ने एक और रोचक बात कही कि जब एक विदेशी पत्रकार ने उनसे पूछा कि क्या आप नरेंद्र मोदी की रिश्तेदार हैं तो इसके जवाब में अवनि ने कहा, ‘हां, मैं नरेंद्र मोदी की बेटी हूं।’ इसके बाद उन्होंने कहा, सिर्फ मैं ही नहीं, गुजरात की हरेक बेटी के लिए मोदी उसके पिता के समान ही हैं।


--> बीते रविवार को पतंजलि हॉस्पिटल के उद्घाटन अवसर पर गुजरात के गोंडल पहुंची विख्यात फिल्म एक्ट्रेस सुधा चंद्रा ने भी नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की। उन्होंने तो यहां तक कहा कि देश के प्रधानमंत्री के रूप में मैं मोदी को ही देखना पसंद करूंगी।


--> बीते जून माह में दक्षिण भारत की प्रसिद्ध तमिल अभिनेत्री पार्वती निर्बन गांधीनगर स्थित इन्फोसिटी में शुरू हो रहे गंगा स्पा सेंटर के उद्घाटन अवसर पर पहुंची थीं। इस मौके पर पार्वती से हमारे रिपोर्टर से बातचीत में पार्वती ने गुजरात के विकास, गुजराती खाने और गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में चर्चा की थी।
मोदी की तारीफ करते हुए पार्वती ने तो यहां तक दावा किया कि नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बनकर ही रहेंगे।


-> अरबाज खान ने पिछले साल मोदी से मुलाकात की थी। उन्होंने अपनी आगामी फिल्म की शूटिंग गुजरात में करने की इच्छा जताई थी।


--> नवंबर माह में अक्षय कुमार ने गुजरात सरकार द्वारा आयोजित खेलकुंभ महोत्सव की ओपनिंग सेरेमनी में हिस्स लिया था। उन्होंने गुजरात स्पोर्ट्स का ब्रांड एम्बेसेडर बनने की भी इच्छा जताई थी। इसके साथ ही अक्षय यहां मार्शल आर्ट का एक स्कूल भी खोलना चाहते हैं। मोदी ने भी उन्हें इसकी सहमति दे दी थी।


--> प्रीति दक्षिण गुजरात के उमर गांव के पास स्थित 500 एकड़ जमीन पर एक फिल्म स्टुडियो बनाना चाहती हैं। प्रीति इस प्रोजेक्ट को लेकर इतनी गंभीर है कि उन्होंने उमर गांव और आसपास के क्षेत्र का मुयाअना भी कर लिया है। दरअसल गुजरात का उमर गांव मुंबई की सीमा से करीब है, इसीलिए प्रीति को यह जगह पसंद है। वे हमेशा से ही मोदी की प्रशंसक रही हैं। बिजनेस के क्षेत्र में वे मोदी को सर्वश्रेष्ठ राजनेता मानती हैं।


--> गत वर्ष संजय दत्त ने गुजरात के गांधीनगर में मोदी से मुलाकात की थी। संजय गांधीनगर में फिल्म सिटी बनाना चाहते हैं। इस प्रोजेक्ट के सिलसिले में उनके अमेरिकन दोस्त परेश धेला भी आए थे। संजय और परेश ने भी गुजरात के विकास कायरे की जमकर सराहना की थी।


--> सुनील शेट्ठी अक्सर गुजरात की यात्राएं करते रहते हैं। इसके साथ ही वे मोदी के बहुत बड़े प्रशंसकों में से एक हैं। उनकी कंपनी ने रिवर फ्रंट में वॉटर राइड्स और रेस्टोरेंट खोलने के लिए टेंडर दिया है। सुनील गुजरात के विकास पर अक्सर खुलकर बोलते हैं और उन्होंने एक बार मोदी की तारीफ करते हुए कहा था कि इस प्रदेश के विकास का कारण मोदी जैसे सशक्त लीडर का होना है।



--> विवेक ओबेराय भी गुजरात के विकास के दीवाने हैं। वे अक्सर गुजरात की यात्रा करते रहते हैं। इसके अलावा वे गुजरात सरकार के एंटी-टोबेको कैंपेन में हिस्सा भी ले चुके हैं।


--> बॉलीवुड के महानायक गुजरात के ब्रांड एम्बेसेडर हैं और यहां के टूरिज्म के प्रचार-प्रसार की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी उनके कंधों पर है। अमिताभ बच्चन के प्रयासों से गुजरात टूरिज्म जबर्दस्त तरीके से देश-विदेश के पटल पर छा रहा है। वित्तीय वर्ष 2011-12 में गुजरात के टूरिज्म विभाग की तिजोरियां छलक गई थी।


--> फिल्मी सितारो में परेश रावल को मोदी का सबसे नजदीकी माना जाता है। वे गुजराती हैं और उन्होंने हमेशा ही मोदी की प्रशंसा की है। गत विधानसभा चुनाव में वे मोदी का चुनाव प्रचार पूरे जोर-शोर से करते नजर आए थे।


--> प्रसिद्ध बॉलीवुड अभिनेत्री किरण खेर भी स्मृति ईरानी से पीछे नहीं। किरण खेर को भी अक्सर मोदी का पक्ष लेते हुए देखा गया है। जब भी मोदी के विरोधियों को जवाब देने की बात आती है तो किरण पीछे नहीं हटतीं।


--> प्रसिद्ध गुजराती एक्ट्रेस अपारा महेता के साथ मोदी।



--> जॉन अब्राहम और मोदी


--> बॉलीवुद के सदाबहार एक्टर स्व. देवानंद के साथ मोदी



--> अनुमप खैर के साथ मोदी

 कहीं ऐसा न हो कोई कमजोर ह्रदय वाला कांग्रेसी ये देख कर बीमार पड़ जाये और मोदी जी से इस्तीफा मांग ले !

इससे पहले कोई भोंकू हमें फेंकू कहे लिंक दे देता हूँ

http://www.bhaskar.com/article-hf/GUJ-bollwood-stars-fans-of-narendra-modi-4374050-PHO.html?seq=1

जय मोदी राज

शनिवार, 12 अक्तूबर 2013

प्राचीन भारतीय अस्त्र विद्या | Ancient Indian Missiles & Weapons : Mahabharata Era 3000 BC


दोस्तों प्राचीन भारतीयों के पास अस्त्र सस्त्र विद्या भी थी ये हमने सीरियल आदि के माध्यम से देखा है  |
वे सभी सत्य है पदार्थ विद्या (Materials science/Materials Engineering) के जानकारों ने वे सभी हथियार बना लिए थे |
वे अस्त्र मंत्र द्वारा सिद्ध किये जाते थे यहाँ मंत्र का अभिप्राय किसी मंत्र का उच्चारण करना नही है जैसा की हम सभी मानते है वरन मंत्र अर्थात विचार ।
शब्दमय मंत्र या उच्चारण द्वारा कोई पदार्थ उत्पन्न नही किया जा सकता । यदि मंत्र द्वारा तीर पर अग्नि उत्पन्न हो तो वो सर्वप्रथम  मंत्र उच्चारण करने वाले की जिह्वा को ही भस्म कर डाले  इसलिए ऐसा मानना मिथ्या है ।
मंत्र नाम होता है विचार का जैसे राजदरबार में मंत्रणा (विचार-विमर्श) करने वाले को मंत्री कहा जाता है वैसे ही प्रकृति में पाए जाने वाले पदार्थों का पहले विचार फिर क्रिया द्वारा वे अस्त्र आदि सिद्ध किये जाते थे ।

आग्नेयास्त्र (Fire Missile) - इस प्रकार के अस्त्र में किसी लोहे का बाण (Arrow/Missile)  या गोला (Grenade)  बनाकर उसमे ऐसे उच्च जवलनशील पदार्थ रखे जाते थे जो अग्नि के लगाने से  वायु में धुआ फेलने और सूर्य की किरण या वायु के संपर्क में आने से जल उठते थे । और इन्हें किसी कमान या अन्य किसी मशीन की सहायता  से शत्रु सेना पर दाग दिया जाता था |

वारुणास्त्र (Water Missile) -  वारुणास्त्र आग्नेयास्त्र का तोड़ होता था ।  इस मिसाइल में ऐसे पदार्थों का योग होता था जिसका धुआ वायु के संपर्क में आते ही तुरंत जल की बूंदों  में परिवर्तित हो  वर्षा कर देता था और अग्नि को बुझा देता था |

नागपाश - इस प्रकार का हथियार शत्रु के अंगो को जकड के बांध लेता था |

मोहनास्त्र - इस मिसाइल में ऐसे नशीले पदार्थों का योग होता था जिसका धुंए के लगने से शत्रु की सेना निद्रास्थ अथवा मुर्छित हो जाती थी ।
इसका उपयुक्त उदहारण अश्रु गेस के गोले के रूप में समझा जा सकता है जो सरकार अक्सर शांतिपूर्ण तरीके से प्रोटेस्ट कर रहे लोगो पर करती है |

पाशुपतास्त्र (Electric Missile/Weapon) - इस प्रकार के अस्त्र में तार से या शीशे से अथवा किसी और पदार्थ से विधुत उत्पन्न  कर शत्रुओं पर छोड़ा जाता था |

इसी प्रकार तोप (Cannon) बन्दुक (Gun) आदि भी हुआ करते थे । ये नाम अन्यदेश भाषा के है आर्यावर्त या संस्कृत के नही । संस्कृत में तोप को शतघ्नी तथा बन्दुक को भुशुण्डी कहते है |

यह निश्चित है की जितनी भी विद्या तथा मत आदि भूगोल में फैले है वे सब आर्यावर्त से ही प्रचरित हुए है ।
देखो ! एक गोल्डस्टकर साहब फ़्रांस देश के निवासी अपनी पुस्तक 'बाइबिल इन इंडिया' में लिखते है की सब विद्या तथा  भलाईयों  का भंडार आर्यावर्त देश है और सब विद्या इसी देश से भूगोल में फैली है । और हम परमेश्वर से प्रार्थना करते है की जैसी उन्नति आर्यावर्त देश में थी वैसी हमारे देश की कीजिये ।
तथा 'दाराशिकोह' बादशाह ने भी यही कहा की जैसी पूरी विद्या संस्कृत में है वैसी किसी अन्य भाषा में नही । वे ऐसा उपनिषदों के भाषांतर में लिखते है की मैंने अरबी आदि  बहुत सी भाषा पढ़ी परन्तु मन का संदेह छुट कर आनंद न हुआ । जब संस्कृत देखा  और  सुना तब निसंदेह हो कर मुझ को बड़ा आनंद हुआ ।

और अधिक जानने के लिए
http://www.vedicbharat.com/2013/05/scholars-view-about-bharat.html

परन्तु ऐसे शिरोमणि देश को महाभारत के युद्ध ने ऐसा धक्का दिया की अब तक भी यह अपनी पूर्व स्थति में नही आया है क्योंकि जब भाई भाई को मरने लगे तो नाश होने में क्या संदेह है ?

जब बड़े बड़े विद्वान , राजा, महाराजा , ऋषि तथा महर्षि आदि महाभारत के भीषण युद्ध में मारे गये और बहुत से मर गये तब विद्या और वेदोक्त धर्म का प्रचार नष्ट हो चला । ईर्ष्या , द्वेष तथा अभिमान आपस में करने लगे जो बलवान हुआ वो देश को दाब कर राजा बन बैठा । वैसे ही सर्वत्र आर्यावर्त देश में खंड बंड सा राज्य हो गया । इसी क्रम  में वेद विद्या नष्ट हुई ढोंग पाखंड बढता चला गया और आर्यावर्त के पतन के दिन आरंभ हो गये ।

- महर्षि दयानंद सरस्वती , सत्यार्थ प्रकाश 


TIME TO BACK TO VEDAS
वेदों की ओर लौटो । 


सत्यम् शिवम् सुन्दरम्